तू सिर्फ उठने की हिम्मत कर,
गिरना तो तक़दीर की बात है।
हौंसले की लौ को तूफानों में बुझने ना दे,
भूल मत, हर सवेरे की शुरुआत ही रात है।
किसी और पे निर्भर मत रह ए नादान,
अंदर झाँक ले ज़रा, तुझमे वो जज़्बा है जिससे बदलते हालात है।
गिरना तो तक़दीर की बात है।
हौंसले की लौ को तूफानों में बुझने ना दे,
भूल मत, हर सवेरे की शुरुआत ही रात है।
किसी और पे निर्भर मत रह ए नादान,
अंदर झाँक ले ज़रा, तुझमे वो जज़्बा है जिससे बदलते हालात है।
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